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ભગવાન રામ ના વંશજ છે જયપુર નો આ રાજપરિવાર ! જીવે છે આવુ રોયલ જીવન

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આ જગતમાં વંશ પરંપરા આદિ અનાદિ કાળ થી ચાલી રહી છે, ત્યારે આજે અમે આપને જણાવીશું ભગવાન મર્યાદા પુરુષોત્તમ શ્રી રામના વંશજો વિશે! હા આ વાત સત્ય છે, અને આ અંગે તેમને પુરાવાઓ રજૂ કર્યા છે. જયપુરમાં રહેતા રાજવી શાહી પરિવારે રામ ભગવાનના વંશજો હોવાનો દાવો કર્યો હતો. જયપુરના રાજવી પરિવારે પોતાને રામ ભગવાનના વંશજ ગણાવ્યા હતા અને કહ્યું હતું કે તેઓ તેમની 310 મી પેઢી છે. આ વાત ત્યારની છે, જ્યારે વાસ્તવમાં અયોધ્યા વિવાદ દરમિયાન જ્યારે આ કેસની સુનાવણી સુપ્રીમ કોર્ટમાં ચાલી રહી હતી. ત્યારે જજે વકીલને પૂછ્યું હતું કે, ભગવાન રામનો કોઈ વંશજ છે? આ અંગે વકીલે કહ્યું હતું કે, અમને ખબર નથી.જ્યારે આ વાત મીડિયા સામે આવી ત્યારે જયપુરના રાજવીઓએ દાવો કર્યો હતો કે તેઓ રામ ભગવાનના વંશજો છે અને તેઓ ભગવાન રામના સૌથી મોટા પુત્ર કુશ તરીકે ઓળખાતા કુશવાહા વંશના વંશજો છે. આ વાત એ સમયની છે, જ્યારે શ્રીરામએ પોતાના પુત્રો લવ-કુશને રાજા બનાવ્યા. તેમણે લવને શ્રાવસ્તી અને ઉત્તર કૌશલ તથા કુશને કુશાવતીના રાજા બનાવ્યા હતા અને રાજા કૃશનાં વંશજો તરીકે જયપુરના શાહી પરિવાર છે.આ વાત અંગે તેમને કોર્ટમાં દાવા રજૂ કર્યા અને કહ્યું કે, મહ

Ambaji mandir

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। मंदिर के मुख्य देवता देवी अंबाजी हैं, जिन्हें देवी दुर्गा का एक रूप माना जाता है। मंदिर परिसर में अन्य हिंदू देवताओं को समर्पित कई अन्य छोटे मंदिर भी हैं। मंदिर अपनी विस्तृत और जटिल वास्तुकला के लिए जाना जाता है, जिसमें अलंकृत नक्काशी, मूर्तियां और पेंटिंग शामिल हैं। यह मंदिर अपने समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक महत्व के लिए भी प्रसिद्ध है, और दुनिया भर से हजारों भक्तों को आकर्षित करता है। मंदिर सभी आगंतुकों के लिए खुला है, उनके धर्म या आस्था की परवाह किए बिना, और विशेष रूप से नवरात्रि जैसे त्योहारों के दौरान भीड़ होती है, जब मंदिर को खूबसूरती से सजाया और रोशन किया जाता है। मंदिर में तीर्थयात्रियों के लिए आवास, भोजन और चिकित्सा सेवाओं जैसी कई सुविधाएं भी हैं।

पनीर चिली कैसे बनाते है? paneer chilli recipe in hindi?

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पनीर चिली कैसे बनाते है? बहुत सारे लोग होते है जो  नॉन-वेज  नहीं खाते वो लोग पनीर की सब्जी खाया करते है| इसीलिए आज मैं आपके लिए ले के आई ही की पनीर चिल्ली डिश रेसिपी |paneer chilli recipe|| इसे आप किसी भी चीझ के साथ खा सकते है  रोटी ,  पूरी  या  राइस  हो | बहुत से लोग ऐसे होते है जो खाना बनाने के शौकीन होते है लेकिन उनसे अच्छा नहीं बनता | और उन्ही में से मैं भी थी… वह पे परेशानी ये होती है कि हम बनाने तो लगते है लेकि हमें बनाने कि विधि ही नहीं पता होती कि उसको बनाने का सही तरीका क्या है, और इसीलिए सब सामग्री के होते हुए भी हमारा खाना अच्छा नहीं होता | तो चलिए कुछ ऐसा ही खाना बनाना हम शुरू करते है |तो आज हम सीखेंगे पनीर चिली बनाना तो, चलिए शुरू करते है :-  सामग्री:- पनीर(Paneer): 250 ग्राम प्याज(Onion): 1 (कटा हुआ )  हरा मिर्च(Green chili): 4 (काट ले ) शिमला मिर्च(Capsicum): 1 (काट ले )  हरा प्याज(Spring onion): 2 (काट ले ) अदरक लहसुन(Ginger Garlic): (बारीक़) अदरक लहसुन पेस्ट(Ginger Garlic pest): 2 टेबलस्पून मैदा(All-Purpose flour): 50 ग्राम मक्का का आटा(Corn Flour): 2 चम्मच मिर्च सॉस(Ch

Bollywood top 10 best EVERGREEN movie

शोले (1975) - रमेश सिप्पी द्वारा निर्देशित और अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र और हेमा मालिनी अभिनीत एक क्लासिक बॉलीवुड फिल्म। मुग़ल-ए-आज़म (1960) - के. आसिफ द्वारा निर्देशित, यह महाकाव्य ऐतिहासिक नाटक मुगल युग में स्थापित है और इसमें दिलीप कुमार और मधुबाला की प्रतिष्ठित जोड़ी है। पाथेर पांचाली (1955) - सत्यजीत रे द्वारा निर्देशित, बंगाली भाषा की यह फिल्म अपु ट्रिलॉजी में पहली है और व्यापक रूप से भारतीय सिनेमा की उत्कृष्ट कृति मानी जाती है। लगान (2001) - आशुतोष गोवारिकर द्वारा निर्देशित, ब्रिटिश औपनिवेशिक भारत में स्थापित इस खेल नाटक को सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म के लिए अकादमी पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था। दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (1995) - आदित्य चोपड़ा द्वारा निर्देशित और शाहरुख खान और काजोल अभिनीत एक रोमांटिक कॉमेडी, यह फिल्म एक सांस्कृतिक घटना बन गई है और आज भी सिनेमाघरों में चल रही है। मदर इंडिया (1957) - महबूब खान द्वारा निर्देशित, यह एक व्यापक पारिवारिक नाटक है जो ग्रामीण भारत में एक माँ के संघर्ष की पड़ताल करता है। प्यासा (1957) - गुरुदत्त द्वारा निर्देशित, यह श्वेत-श्याम फ

Bageshwar Dham Sarkar Chhatarpur – बागेश्वर धाम कैसे जाएँ पूरी जानकारी

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Bageshwar Dham Sarkar मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है। बता दें की इस धाम में रामभक्त हनुमान जी अपने श्री बागेश्वर बालाजी महाराज के स्वरुप में वास करते हैं। Bageshwar Dham Sarkar Chhatarpur -हमारे देश में बहुत से  सिद्ध धाम  हैं जहाँ देशवासी पूरी श्रद्धा के साथ दर्शनों के लिए जाते हैं। इन धामों में जाकर सभी श्रद्धालु अपने अपने कष्टों से मुक्ति प्राप्त करते हैं। ऐसे ही धामों में से एक है  दिव्य दरबार बागेश्वर धाम सरकार , जिस से लाखों लोगों की श्रद्धा जुडी है। ये सुप्रसिद्ध धाम  भगवान बालाजी यानी हनुमान जी  का मंदिर है, जो कि  मध्य प्रदेश के छतरपुर  जिले में स्थित है। ये एक  पावन और प्रमुख तीर्थस्थल  है जहाँ बड़ी संख्या में लोग अपनी अपनी समस्याओ और मन्नतों के लिए आते हैं। यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं की सभी समस्याओं का निराकरण किया जाता है। हवाई मार्ग से –  यदि आप प्लेन से आना चाहते हैं तो आप को  Bageshwar Dham Sarkar Chhatarpur  के नज़दीकी एयरपोर्ट यानी कि खजुराहों एयरपोर्ट पर पहुंचना होगा। आप इस के अपने क्षेत्र से एमपी के खजुराहो एयरपोर्ट तक पहुंचने की फ्लाइट चेक कर सकते हैं। या फिर

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Bollywood actress top photo shoot  #sonamkapoor

Gujarat Highcourt Recruitment 2023 for 193 Civil Judges Posts, Apply Online Now!

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આવનારા સાત મહીના બરાબરની ચાંદી ચાંદી રહેશે ચાર રાશિના લોકોને, આ નક્ષત્રમાં શનિ કરાવશે બમ્પર લાભ

જ્યોતિષ શાસ્ત્ર અનુસાર શનિદેવને ન્યાયના દેવતા અને કર્મના દાતા તરીકે ઓળખવામાં આવે છે. એવું કહેવાય છે કે શનિદેવ વ્યક્તિના સારા અને ખરાબ કાર્યોની ગણતરી કરે છે. શનિદેવની કૃપાથી વ્યક્તિના જીવનમાં શાંતિ અને સુખ અને સમૃદ્ધિ આવે છે. જ્યારે શનિદેવનો પ્રકોપ વ્યક્તિનો વિનાશ કરે છે. જ્યોતિષ શાસ્ત્ર અનુસાર શનિનું ગોચર  તમામ રાશિના લોકોના જીવન પર અસર કરે છે. જણાવી દઈએ કે શનિદેવ ૧૫ માર્ચથી શત્રિષા નક્ષત્રમાં પ્રવેશ કરશે. આવી સ્થિતિમાં હિન્દુ પંચાંગ અનુસાર શનિદેવ હાલમાં કુંભ રાશિમાં બિરાજમાન છે અને 17 ઓક્ટોબર સુધી આ નક્ષત્રમાં રહેવાના છે. તેવી સ્થિતિમાં શતભિષા નક્ષત્રમાં શનિનું ગોચર કેટલીક રાશિના લોકોના જીવન પર નોંધપાત્ર અસર કરશે. મેષ: મેષ રાશિના જાતકોને શનિનો શતભિષા નક્ષત્રમાં પ્રવેશ થવા પર શુભ ફળ મળશે. આ દરમિયાન તેઓ પોતાનો બિઝનેસ શરૂ કરી શકે છે. શનિના આ નક્ષત્રમાં પ્રવેશ પછી આ રાશિના લોકો નવા પ્રોજેક્ટ પર કામ કરવાનું શરૂ કરી શકે છે. આ દરમિયાન વેપારમાં પણ ફાયદો થશે. નોકરિયાત લોકોને આ સમયગાળા દરમિયાન આગળ વધવાની તક મળશે અને તમામ અટકેલા કામ આ સમયગાળા દરમિયાન પૂર્ણ થઈ શકશે. મિથુનઃ- જ્યોતિષીઓનું કહેવું છે

Baba Bageshwar Dham

बाबा बागेश्वर धाम भारत के उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा जिले में स्थित है। यह हिमालय की एक खूबसूरत घाटी में स्थित है और यहां पर माँ भागवती का मंदिर स्थित है। इस स्थान के इतिहास के अनुसार, बाबा बागेश्वर धाम में राजा लक्ष्मण शाह ने एक मंदिर बनवाया था। इस मंदिर में माँ भागवती की प्रतिमा लगाई गई थी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यहां पर बाबा बागेश्वर नाम के एक संत रहते थे जिन्होंने इस मंदिर का संचालन किया था। इसी कारण इस स्थान को बाबा बागेश्वर धाम के नाम से भी जाना जाता है। बाबा बागेश्वर धाम उत्तराखंड राज्य के प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है। यहां पर दिन-प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते हैं और माँ भागवती के दर्शन करते हैं। इस स्थान के आसपास कई प्राकृतिक सौंदर्य हैं जो इसे एक आकर्षक स्थान बनाते हैं।

उज्जैन एक प्राचीन नगर

Ujjain mahakal  संस्कृति और विरासत संस्कृति और विरासत उज्जैन प्राचीन और ऐतिहासिक शहर है जो 5000 साल पुराना है। यह आदि ब्रह्म पुराण में सबसे अच्छा शहर के रूप में वर्णित है और इसे अग्निपुराण और गरुड़ पुराण में मोक्षदा और भक्ति-मुक्ति कहा जाता है। एक समय था जब यह शहर एक बड़े साम्राज्य की राजधानी रहा था। इस शहर का एक शानदार इतिहास रहा है। धार्मिक पुस्तकों के अनुसार इस शहर ने विनाश के देवता के लिए विनाश को कभी नहीं देखा है, महाकाल स्वयं यहां निवास करते हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार सात शहर जो मोक्ष प्रदान कर सकते हैं और उनमें से अवंतिका शहर सबसे अच्छा माना जाता है क्योंकि उज्जैन का महत्व अन्य शहरों की तुलना में थोड़ा अधिक है। अयोध्या मथुरा, माया, काशी कान्ची अवन्तिका। पुरी द्वारावतीचैव सप्तैता: मोक्षदायिका:।। इस शहर में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग है, सात मुक्ति प्रदान करने वाले शहरों में से एक शहर, गढ़कालिका और हरसिद्धि, दो शक्ति पीठ, और पवित्र कुंभ जो भारत के चार शहरों में होता है। राजा भर्तरी की गुफा यहां पाई जाती है और माना जाता है कि उज्जैन में भगवान विष्णु के चरण चिन्ह हैं।